मैं सृष्टि का जना आधा हिस्सा हूँ,
इस पूर्ण सत्य का पूर्ण किस्सा हूँ,
मैं हर स्त्रीलिंग की पहचान में हूँ,
मैं भूत से भविष्य की जान में हूँ ,
इस पूर्ण सत्य का पूर्ण किस्सा हूँ,
मैं हर स्त्रीलिंग की पहचान में हूँ,
मैं भूत से भविष्य की जान में हूँ ,
मैं मरियम,आयशा और सीता हूँ,
मैं ही रामायण,कृष्ण की गीता हूँ,
मैं सभी धर्म ग्रन्थ का केंद्र भी हूँ ,
मैं काल का लिखा सत्येंद्र भी हूँ,
मैं तुममें,तुममें और तुममें भी हूँ ,
मैं खुदके भी जीवन स्पंदन में हूँ,
मैं इक ममत्व,त्यागपूर्ण जननी हूँ,
मैं माँ,बेटी,बहन और सहचरी हूँ,
मैं स्त्रीलिंग हूँ,सृष्टि को सहेजे हुए,
मैं कई सभ्यताओं को समेटे हुए,
मैं स्त्रीलिंग हूँ,सृष्टि को सहेजे हुए,
मैं कई सभ्यताओं को समेटे हुए,
मैं तो हूँ जीवन का उन्मुक्त हास,
मैं हूँ अनंत प्रेम की अतृप्त प्यास,
मैं नारी हूँ मैं रिश्तों का बंधन हूँ,
मैं विनाश का इक क्रंदन भी हूँ ,
मैं मंदिर की नौ रुपी देवी भी हूँ,
मैं प्रतिज्ञा की सुलगती वेदी भी हूँ,
मैं अहँकारी के मान का भंजन हूँ,
मैं हर जीवित-जीव का स्पंदन हूँ,
मैं अहँकारी के मान का भंजन हूँ,
मैं हर जीवित-जीव का स्पंदन हूँ,
मैं प्रेमी हृदय की कोमल नायिका,
मैं टूटे मन की हूँ इक सहायिका,
मैं घर की चौखट का इंतज़ार हूँ ,
मैं समस्त परिवार का प्यार भी हूँ,
मैं श्रेष्ठ श्रृंगार बिछिया-सिन्दूर हूँ,
मैं जितनी पास हूँ उतनी दूर भी हूँ,
मैं श्रेष्ठ श्रृंगार बिछिया-सिन्दूर हूँ,
मैं जितनी पास हूँ उतनी दूर भी हूँ,
मैं रसोई की स्वादमय खुशबू हूँ,
मैं शिशु की दुनिया की जुस्तजू हूँ,
मैं केंद्र हूँ कवि की कल्पनाओं का,
मैं रंग कैनवास की अल्पनाओं का ,
मैं इस सोलर सिस्टम की धड़कन हूँ ,
मैं इकमात्र स्त्रीलिंग ग्रह धरती भी हूँ।
- जयश्री वर्मा
- जयश्री वर्मा
बहुत सुन्दर रचना और चित्र प्रस्तुति !
ReplyDeleteसादर धन्यवाद आपका कविता रावत जी !🙏 😊
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 28 फरवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteमेरी कविता "मैं स्पंदन हूँ"को पाँच लिंकों का आनन्द में स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद यशोदा अग्रवाल जी !🙏 😊
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteलाजवाब...
सादर धन्यवाद आपका सुधा देवरानी जी !🙏 😊
Deleteवाह!बेहतरीन!👍
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आपका शुभा जी !🙏 😊
Deleteस्त्री क्या है।
ReplyDeleteइस पर बहुत सोचने व समझने की जरुरत।
आपकी रचना ये सोच विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
शानदार रचना की ढेरों बधाई।
पेंटिंग भी लाज़वाब।
Deleteआपका सादर धन्यवाद रोहिताश जी !🙏 😊
Deleteपेंटिंग की तारीफ़ के लिए भी बहुत-बहुत धन्यवाद !
Deleteआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-१ हेतु नामित की गयी है। )
ReplyDelete'बुधवार' ०४ मार्च २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
आपका सादर धन्यवाद !🙏 😊
Deleteबहुत बढ़िया बिम्ब!!
ReplyDeleteसादर आभार आपका विश्वमोहन जी !🙏😊
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