Wednesday, March 11, 2020

फर्क कहाँ है ?

गुलाब लगा हो मंदिर,मस्जिद में या के गिरजाघर में,
जब उसका नाम गुलाब ही रहेगा तो फिर फर्क कहाँ है ?

जो जन्मा है वो जाएगा भी इस जग से कभी न कभी,
जब तब्दील मिट्टी में ही होना है तो फिर फर्क कहाँ है ?

दीप मंदिर,मस्जिद को करे रौशन या गिरजाघर को,
जब उसे उजियारा ही फैलाना है तो फिर फर्क कहाँ है ?

पूजा में हाथ जोड़ें,हाँथ बांधें,या दुआ में ऊपर उठाएं,
जब मांगते सभी सलामती ही हैं तो फिर फर्क कहाँ है ?

अम्मी कहें,मॉम या के माँ पुकारें अपनी जननी को,
जब माँ की ममता सामान ही है तो फिर फर्क कहाँ है ?

मनाई जाए ईद,क्रिसमस या त्यौहार हो दिवाली का,
जब उल्लास-उमंग एक सा ही है तो फिर फर्क कहाँ है ?

कुरान की आयत,कैरोल या के गाएं रामायण चौपाई,
जब कहलाती वो सब प्रार्थना ही है तो फिर फर्क कहाँ है ?

इन पूजास्थलों के झगड़ों में लोग आए और चले भी गए,
जब कोई कभी न लौटा,न ही लौटेगा तो फिर फर्क कहाँ है ?

ये धर्म-जाति की अनर्गल बातें,बीमार सोच से जन्मी हैं ,
जब सुख-दुःख सबके सामान ही हैं तो फिर फर्क कहाँ है ?

हिन्दू,मुस्लिम,ईसाई,बहाई या के हो पारसी समुदाय ,
जब कहलाते सब हिन्दुस्तानी ही हैं तो फिर फर्क कहाँ है ?

सूरज की तपन और चाँद की शीतलता में भेद नहीं है,
जब ये हम सबके लिए सामान ही हैं तो फिर फर्क कहाँ है ?

हम इंसान हैं और इंसानियत ही बने पहचान हमारी,
जब हम ये आत्मसात कर सकते हैं तो फिर फर्क कहाँ है ?


                                                                 - जयश्री वर्मा

8 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 12.03.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3638 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की गरिमा बढ़ाएगी

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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    1. मेरी कविता "फर्क कहाँ है "को चर्चा मंच 3638 में स्थान देने के लिए सादर धन्यवाद आपका दिलबाग विर्क जी!🙏 😊

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना गुरूवार १२ मार्च २०२० के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. मेरी कविता "फर्क कहाँ है"को पाँच लिंकों का आनंद में स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद श्वेता सिन्हा जी !🙏 😊

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  3. वाह! बहुत सुंदर रचना।

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    1. सादर आभार आपका विश्वमोहन जी !🙏😊

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  4. बेहतरीन रचना ,फर्क है नही ,फर्क पैदा किया गया है ,तभी तो सुकून छिन गया जीवन का ,बधाई हो

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद आपका ज्योति सिंह जी !🙏 😊

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