Saturday, March 24, 2018

ढल रहे हैं

आप पहली मुलाक़ात से ही,मेरे अपने से बन रहे हैं,
सुनहरे ख़्वाब मेरे,शब्द बनके कविता में ढल रहे हैं,
मेरे ख्यालों के शब्द,प्रश्न बनके मुझसे ही पूछते हैं,
ये प्रश्न मेरे जवाब बन,आपके लफ़्ज़ों में पल रहे हैं। 

आप हैं वो मंज़िल,जिसकी रही इस दिल को आस,
बुझती ही नहीं आप पे,ठहरी हुई निगाहों की प्यास,
कि कितना ही बहलाऊँ इन्हें,ये आप पे ही जाती हैं,
रूप आपका निहार के ये,अजब सी तृप्ति पाती हैं। 

आपके आने से,खुशनुमा हो जाए बोझिल सा समां,
क्या कहूँ कि इस दीवाने के लिए,आप हैं सारा जहाँ,
हर बार,हर महफ़िल में आपकी ही आवाज़ ढूंढता हूँ,
जितना चाहूँ दूर जाना,आपसे उतना ही जुड़ता हूँ। 

आपकी इस इक मुस्कराहट ने,सारे जवाब दे दिए हैं,
कि मेरे प्रश्न और,आपके जवाब बस मेरे ही लिए हैं,
आप नहीं समझेंगे कि मैं,अब क्या कुछ पा गया हूँ,
कि जैसे ठहरे से पानी में,इक तूफ़ान सा छा गया हूँ।  
ये तूफ़ान सिमट जाए बाहों में,बस यही है तमन्ना,
लाख रोके ज़माने की दीवारें,बस तुम मेरे ही बनना,
आपको नहीं पता,बिन बोले ही आप क्या कह रहे हैं,
ख्वाब मेरे हकीकत बन के,अफ़सानों में ढल रहे हैं।

                                                                                                         -  जयश्री वर्मा

19 comments:

  1. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २६ मार्च २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आपकी रचना लिंक की गई इसका अर्थ है कि आपकी रचना 'रचनाधर्मिता' के उन सभी मानदण्डों को पूर्ण करती है जिससे साहित्यसमाज और पल्लवित व पुष्पित हो रहा है। अतः आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद आपका आदरणीय ध्रुव सिंह जी !

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  2. ख़्वाब मेरे कविता में ढल रहे हैं...
    बेहतरीन अशआर

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    1. सादर धन्यवाद आपका लोकेश नदीश जी !

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  3. बहुत उत्तम रचना ...
    प्रेम की गहराई को और गहराई देते हुए शब्द ... लाजवाब ....

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    1. सादर आभार आपका दिगम्बर नस्वा जी !

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  4. बहुत सुन्दर रचना

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद आपका नीतू ठाकुर जी !

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  5. बहुत ही मनभावन भावो और सुहानी कल्पना से भरी अनुरागी रचना | दुआ है इस कहानी को पूर्णत्व प्राप्त हो | सादर , सस्नेह ---------

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    1. सुन्दर शब्दों में की गई इस प्रशंसा के लिए धन्यवाद रेनू जी !

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  6. बहुत सुंदर रचना

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    1. धन्यवाद आपका कविता पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए मालती मिश्रा जी !

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  7. इस सम्मान के लिए धन्यवाद पम्मी जी !

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  8. सादर धन्यवाद आपका सुधा देवरानी जी !

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  9. जितनी अच्‍छी कविता लिखती हैं उतनी ही अच्‍छी पेंटिंग भी बनाती हैं...mind blowing. मेरा भी एक साधारण सा ब्‍लॉग है गौर फरमाइएगा
    http://www.antarmannkiawaz.com/

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    1. सादर धन्यवाद आपका यश रावत जी !ख़ुशी हुई जान कर कि आपने मेरी कविता के साथ मेरी पेंटिंग पर भी गौर किया !धन्यवाद पुनः !

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  10. निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' १६ अप्रैल २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक में ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ प्रतिष्ठित साहित्यकार आदरणीया देवी नागरानी जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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  11. प्रेम की गहराई बखूबी बयान किया है शहर से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया बहुत मिस किया ब्लोगिंग को ! बहुत जल्द सक्रिय हो जाऊंगा !

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    1. आभारी हूँ आपके द्वारा मिले इस प्रोत्साहन से संजय भास्कर जी !

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