बगिया के अनगिन फूलों में,अनेकों हैं रंग भरे,
पर हाथ में जो फूल तेरे,बस वही फूल तेरा है।
हज़ारों असफलताओं में,एक जो सफलता है,
नाम जो अमर कर दे,बस वही सर्वस्व तेरा है ।
बहुत सी लालसाएं हों,बहुत सी जिजीविषाएं हों,
हाथ के घेरे में जो सम्हले,उतना जहान तेरा है।
अनगिनत सरगमों में,लहरियों की भरमार हो,
धड़कनों के करीब जो हो, बस वही गीत तेरा है।
दुनियां की भीड़ में,अनगिनत अनजाने चेहरे हैं,
जो सुख-दुःख में संग चले,बस वही मीत तेरा है।
धरा पर देशों के विस्तार कई,और सीमाएं अनंत है,
घरौंदा जो तेरा,बस वही ज़मीं तेरी है,आसमां तेरा है।
( जयश्री वर्मा )
पर हाथ में जो फूल तेरे,बस वही फूल तेरा है।

नाम जो अमर कर दे,बस वही सर्वस्व तेरा है ।
बहुत सी लालसाएं हों,बहुत सी जिजीविषाएं हों,
हाथ के घेरे में जो सम्हले,उतना जहान तेरा है।
अनगिनत सरगमों में,लहरियों की भरमार हो,
धड़कनों के करीब जो हो, बस वही गीत तेरा है।
दुनियां की भीड़ में,अनगिनत अनजाने चेहरे हैं,
जो सुख-दुःख में संग चले,बस वही मीत तेरा है।
धरा पर देशों के विस्तार कई,और सीमाएं अनंत है,
घरौंदा जो तेरा,बस वही ज़मीं तेरी है,आसमां तेरा है।
( जयश्री वर्मा )
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