वो देखो तो चीर कर अन्धकार घनघोर ,
थामे हांथों में चमकती किरणों कि डोर ,
दौड़ती आ रही लहरों के रथ पर सवार,
बीती रात्रि को हरा आ रही नवेली भोर।
पंछी हँसते कर कलरव,किलोल,शोर ,
इस धरती का देखो झूम उठा मनमोर ,
पूरी सृष्टि को सूरज लाली में बोर-बोर ,
रंगती जाती हर पल,क्षण हर पोर-पोर।
थामें हुए हाथों में सूरज किरणों कि डोर ,
आती आलिंगन करने नववर्ष की भोर।
नव वर्ष में नव तरंग संग नए गीत हम गाएं,
नए वर्ष में नए विचार संग नए उत्थान हम लाएं।
( जयश्री वर्मा )
मित्रों विलम्ब से ही सही मेरी तरफ से -
नव वर्ष आप सभी के लिए मंगलमय हो !!!
यह नव वर्ष आप सभी के लिए खुशियां,
उन्नति,संपन्नता और सुकून लेकर आए !!!
थामे हांथों में चमकती किरणों कि डोर ,
दौड़ती आ रही लहरों के रथ पर सवार,
बीती रात्रि को हरा आ रही नवेली भोर।
पंछी हँसते कर कलरव,किलोल,शोर ,
इस धरती का देखो झूम उठा मनमोर ,
पूरी सृष्टि को सूरज लाली में बोर-बोर ,
रंगती जाती हर पल,क्षण हर पोर-पोर।
थामें हुए हाथों में सूरज किरणों कि डोर ,
आती आलिंगन करने नववर्ष की भोर।
नव वर्ष में नव तरंग संग नए गीत हम गाएं,
नए वर्ष में नए विचार संग नए उत्थान हम लाएं।
( जयश्री वर्मा )
मित्रों विलम्ब से ही सही मेरी तरफ से -
नव वर्ष आप सभी के लिए मंगलमय हो !!!
यह नव वर्ष आप सभी के लिए खुशियां,
उन्नति,संपन्नता और सुकून लेकर आए !!!
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