पाकिस्तान क्यों आतंक फैलाये?क्यों चीनी सेना भड़के ?
क्यों नहीं हम रणनीति बनाते,दिखाते क्यों नहीं लड़के ?
वो कई किलोमीटर आगे आकर के,हमको हुंकार दिखाते ,
हम उनका सामान खरीद कर,क्यों उनको सर हैं चढ़ाते ?
सस्ते में हर चीज़ मिल रही,है चीनी सामानों की भरमार,
जकड़ डाला सारे बाज़ार को,मूक है पब्लिक और सरकार,
जब चीनी सामान है सस्ता,तो हम क्यों नहीं बना सकते?
क्यों आश्रित हैं विदेशी के,क्यों भरोसा खुद पे नहीं रखते ?
चाहे पाकिस्तान का हमला हो,या फिर हो ड्रेगन की ज्वाला,
अहिंसा से न काम चलेगा,अन्यथा पीना होगा विष प्याला,
हम क्यों फंसे पड़े हैं इस कदर कर - कांड, घोटाला, हवाला,
देश तभी सुरक्षित होगा,जब हर इंसान बने देश रखवाला।
समझ कब हमको आएगी ?पौरुष जागृति कब जागेगी ?
अपना-अपना स्वार्थ त्याग,एकता-चेतना कब छाएगी ?
पड़ोसी दुश्मनों की बुरी नज़र,कब हमें समझ में आएगी ?
कब सोचेंगे?कब चेतेंगे?क्या जब भारत माँ लुट जायेगी ?
ऐ बापू के देश के वीरों कब तक विकृति बरदाश्त करोगे,
कब तक अहिंसा पुजारी बन कर,कुटिल निगाह सहोगे,
जवाब दो अत्याचारियों का,अहिंसा का मार्ग अब छोड़ो,
कलंकित न हो वीरता,जवाबी ज्वाला का मुख अब मोड़ो।
( जयश्री वर्मा )
क्यों नहीं हम रणनीति बनाते,दिखाते क्यों नहीं लड़के ?
वो कई किलोमीटर आगे आकर के,हमको हुंकार दिखाते ,
हम उनका सामान खरीद कर,क्यों उनको सर हैं चढ़ाते ?
सस्ते में हर चीज़ मिल रही,है चीनी सामानों की भरमार,
जकड़ डाला सारे बाज़ार को,मूक है पब्लिक और सरकार,
जब चीनी सामान है सस्ता,तो हम क्यों नहीं बना सकते?
क्यों आश्रित हैं विदेशी के,क्यों भरोसा खुद पे नहीं रखते ?
चाहे पाकिस्तान का हमला हो,या फिर हो ड्रेगन की ज्वाला,
अहिंसा से न काम चलेगा,अन्यथा पीना होगा विष प्याला,
हम क्यों फंसे पड़े हैं इस कदर कर - कांड, घोटाला, हवाला,
देश तभी सुरक्षित होगा,जब हर इंसान बने देश रखवाला।
समझ कब हमको आएगी ?पौरुष जागृति कब जागेगी ?
अपना-अपना स्वार्थ त्याग,एकता-चेतना कब छाएगी ?
पड़ोसी दुश्मनों की बुरी नज़र,कब हमें समझ में आएगी ?
कब सोचेंगे?कब चेतेंगे?क्या जब भारत माँ लुट जायेगी ?
ऐ बापू के देश के वीरों कब तक विकृति बरदाश्त करोगे,
कब तक अहिंसा पुजारी बन कर,कुटिल निगाह सहोगे,
जवाब दो अत्याचारियों का,अहिंसा का मार्ग अब छोड़ो,
कलंकित न हो वीरता,जवाबी ज्वाला का मुख अब मोड़ो।
( जयश्री वर्मा )
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