ज़िन्दगी रंग शब्द Jaishree Verma
Thursday, April 5, 2012
प्रेम रहस्य
तुम संग ओ सांवरे,
नयन मिले बावरे,
झुके उठे , उठे झुके,
लजाते से रुके - रुके,
अंखियों के अंखियों से-
कई प्रश्न हुए, हल हुए,
न जाने क्या बात हुई,
और खुल गए भेद कई ।
(
जयश्री वर्मा)
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